रुरा कानपुर देहाप। बढ़ती पर्यावरण प्रदूषण की समस्या स्वास्थ्य को खोखला बना रही है। मध्यप्रदेश राज्य बनाम केडिया लेदर वाद मेंं माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्वच्छ हवा और जल को जीवन का अधिकार माना है जो अनुच्छेद इक्कीस के तहत जीवन अधिकार आयाम प्राप्त कर चुका है उक्त बात पर्यावरण मित्र नवीन कुमार दीक्षित ने राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस पर आयोजित चित्र कला और निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण करते हुए कही। इस संगोष्ठी की आयोजक संविलियन विद्यालय अम्बियापुर की प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रियंका कुमारी ने कहा कि दो और तीन दिसम्बर की रात को ही भोपाल गैस दुर्घटना में तीन हजार से अधिक लोगों की जिन्दगी समाप्त हो गई थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाज सेवी चन्द्रमोहन शर्मा ने कहा कि इस दिवस के मनाने का उद्देश्य औद्योगिक आपदा प्रबंधन व नियंत्रण के प्रति जनजागरूकता लाना है। शिक्षिका स्नेहलता ने कहा कि पराली और कूड़ा जलाने से सरदर्द और श्वास तथा आँखों के रोग हो जाते हैं।अभिभावक शीला कुशवाहा ने कहा कि बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग और वाष्पीकरण से डोडो,सारस,हार्नबिल जैसे सत्तर प्रतिशत पक्षी विलुप्त हो गए हैं।चित्र कला प्रतियोगिता में जूनियर स्कूल सिठमरा के प्रशान्त गोस्वामी प्रथम एस एस वी एम कालेज झींझक के प्रिंस कुशवाहा द्वितीय,पलक यादव ने तीसरे स्थान पर रही।निबंध प्रतियोगिता में संविलयन विद्यालय अम्बियापुर की जयंती ,शलोनी, संगीता ने कृमशः प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान पाया। आभार प्रकटीकरण शिक्षक भूपेन्द्र कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम मेंं अवशेष कुमार, सुमन देवी.तथा आँगनवाड़ी व रशोइया उपस्थित थे रहीं।
राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस पर चित्रकला और निबंध प्रतियोगिता